*मुबारक महीने* #05
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
*रबीउल अव्वल (रबिउन्नूर शरीफ)* #02
_*मोजिज़ात*_
12 रबीउल अव्वल को अल्लाह के नूर की दुन्या में जलवा गरी होते ही क़ुफ़्रो ज़ुल्मत के बादल छत गए, शाहे ईरान किसरा के महल पर ज़लज़ला आया, 14 कुंगूरे गिर गए। ईरान का जो आतश कदा 1000 साल से शोला जन था वो बुझ गया, दरियाए सावह खुश्क हो गया, काबे को वज्द आ गया और बूत सर के बल गिर पड़े।
ताजदारे रिसालत ﷺ जहां में फ़ज़लो रहमत बन कर तशरीफ़ लाए और यक़ीनन अल्लाह की रहमत के नुज़ूल का दिन ख़ुशी व मुसर्रत का दिन होता है। चुनांचे अल्लाह इरशाद फ़रमाता है :
*तुम फ़रमाओ अल्लाह ही के फ़ज़ल और इसी की रहमत और उसी लर चाहिये की ख़ुशी करे। वो उन के सब धन दौलत से बेहतर है।* (पारह 11)
अल्लाहु अकबर ! रहमते खुदा वन्दी पर ख़ुशी मनाने का क़ुरआन हुक्म देता है। और क्या हमारे प्यारे आक़ा ﷺ से बढ़ कर भी कोई अल्लाह की रहमत है ? देखिये मुक़द्दस क़ुरआन में साफ साफ़ एलान है :
*وٙمٙآ اٙرْسٙلْنٰكٙ اِلّا رٙحْمٙةً لّٙلْعٰلٙمِيْنٙ o*
तर्जुमा : और हमने तुम्हे न भेजा मगर रहमत सारे जहान के लिये। (पारह, 17)
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 327*
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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12 रबीउल अव्वल को अल्लाह के नूर की दुन्या में जलवा गरी होते ही क़ुफ़्रो ज़ुल्मत के बादल छत गए, शाहे ईरान किसरा के महल पर ज़लज़ला आया, 14 कुंगूरे गिर गए। ईरान का जो आतश कदा 1000 साल से शोला जन था वो बुझ गया, दरियाए सावह खुश्क हो गया, काबे को वज्द आ गया और बूत सर के बल गिर पड़े।
ताजदारे रिसालत ﷺ जहां में फ़ज़लो रहमत बन कर तशरीफ़ लाए और यक़ीनन अल्लाह की रहमत के नुज़ूल का दिन ख़ुशी व मुसर्रत का दिन होता है। चुनांचे अल्लाह इरशाद फ़रमाता है :
*तुम फ़रमाओ अल्लाह ही के फ़ज़ल और इसी की रहमत और उसी लर चाहिये की ख़ुशी करे। वो उन के सब धन दौलत से बेहतर है।* (पारह 11)
अल्लाहु अकबर ! रहमते खुदा वन्दी पर ख़ुशी मनाने का क़ुरआन हुक्म देता है। और क्या हमारे प्यारे आक़ा ﷺ से बढ़ कर भी कोई अल्लाह की रहमत है ? देखिये मुक़द्दस क़ुरआन में साफ साफ़ एलान है :
*وٙمٙآ اٙرْسٙلْنٰكٙ اِلّا رٙحْمٙةً لّٙلْعٰلٙمِيْنٙ o*
तर्जुमा : और हमने तुम्हे न भेजा मगर रहमत सारे जहान के लिये। (पारह, 17)
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 327*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
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