Pages

Tuesday 18 April 2017

*मुसाफहा और मुआनक़ा की सुन्नते और आदाब* #04
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*सलाम के साथ साथ मुसाफहा करने से सलाम की तकमील होती है*
    हज़रते अबू उमामा رضي الله تعالي عنه से रिवायत है, सरकारे मदीना ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : मरीज़ की पूरी इयादत ये है की उसकी पेशानी पर हाथ रख कर पूछे की मिज़ाज केसा है? ओर पूरी तहिय्यत (सलाम करना) ये है की मुसाफहा भी किया जाए।
*✍🏽तिर्मिज़ी, 4/334, हदिष : 2740*

     मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो ! खन्दा पेशानी से मुलाक़ात करना हुस्ने अख़लाक़ में से है, सरकार मदीना फरमाते है, लोगो को तुम अपने अमवाल से खुश नही कर सकते लेकिन तुम्हारी खन्दा पेशानी और खुश अख़लाक़ी उन्हें खुश कर सकती है।
*✍🏽शोएबुल ईमान, 6/253, हदिष : 8054*
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment