Pages

Sunday 23 April 2017

*वुज़ूए अम्बियाए किराम और नींद मुबारक*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     अम्बिया अलैहिमुस्सलाम का वुज़ू सोने से नहीं जाता।

     अम्बिया की आँखे सोती है दिल कभी नहीं सोता।

     बाज़ वुज़ू तोड़ने वाली चीज़े अम्बिया के लिये यू वुज़ू टूटने का सबब नहीं, की इन का वुक़ूअ (यानि वाक़ेअ होना) ही उन से मुहाल (यानि ना मुम्किन) है जेसे जुनून (यानि पागल पन) या नमाज़ में कहकहा।

     गशी (यानि बेहोशी) भी अम्बिया के जिस्मे ज़ाहिरे पर तारी हो सकती है, दिल मुबारक इस हालत में भी बेदार व खबरदार रहता है।
*✍🏽फतावा राज़वीय्या मुखर्रजा 4/740*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 29-30*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment