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Tuesday 13 June 2017

*फ़ैज़ाने एतिकाफ* #06
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_ऐतिकाफे नफ्ल_*
     नज़र और सुन्नते मुअककदा के इलावा जो एतिकाफ किया जाए वो मुस्तहब (नफ्ल) व सुन्नते गैर मुअककदा है।
*✍🏼बहारे शरीअत, 5/152*
     इस के लिये न रोज़ा शर्त है न कोई वक़्त की क़ैद। जब भी मस्जिद में दाखिल हो एतिकाफ की निय्यत कर लीजिये। जब तक मस्जिद में रहेंगे कुछ पढ़े या न पढ़े एतिकाफ का षवाब मिलता रहेगा, जब मस्जिद से बाहर निकलेंगे एतिकाफ खत्म हो जाएगा।
     मेरे आक़ा आला हज़रत رحمة الله عليه फ़रमाते है : मज़्हबे मुफ्ताबेही पर (नफ्ल) एतिकाफ के लिये रोज़ा शर्त नही और एक साअत का भी हो सकता है जब से दाखिल हो बाहर आने तक एतिकाफ की निय्यत कर ले, इन्तिज़ारे नमाज़ व अदाए नमाज़ के साथ एतिकाफ का भी षवाब पाएगा।
*✍🏼फतवा रज़विय्या, 5/674*

*_एतिकाफ की निय्यत_*
نٙوٙيْتُ سُنّٙةُالْاِ عْتِكٙاف
मेने सुन्नते एतिकाफ की निय्यत की।
*✍🏼फ़ज़ाइले रमज़ान, 346*

*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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