*फैजाने लै-लतुल क़द्र*
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_83 साल 4 माह से ज़्यादा इबादत का सवाब_*
इस मुक़द्दस रात को हरगिज़ हरगिज़ गफलत में नही गुज़ारना चाहिये। इस रात इबादत करने वाले को 1000 माह यानी 83 साल 4 माह से भी ज़्यादा इबादत का सवाब अता किया जाता है।
और इससे ज़्यादा का इल्म अल्लाह जाने या इसके बताए से उसके हबीब जाने के कितना सवाब है।
इस रात में हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम और फ़रिश्ते नाज़िल होते है और फिर इबादत करने वालो से मुसाफह करते है।
इस मुबारक शब् का हर एक लम्हा सलामती है और ये सलामती सुब्हे सादिक़ तक बर क़रार रहती है। ये अल्लाह का खासुल ख़ास करम है के ये अज़ीम रात सिर्फ अपने हबीब को और आप के सदके में आप की उम्मत को अता की गई है।
*✍🏼फैजाने सुन्नत 1127*
___________________________________
📮Posted by:-
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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और इससे ज़्यादा का इल्म अल्लाह जाने या इसके बताए से उसके हबीब जाने के कितना सवाब है।
इस रात में हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम और फ़रिश्ते नाज़िल होते है और फिर इबादत करने वालो से मुसाफह करते है।
इस मुबारक शब् का हर एक लम्हा सलामती है और ये सलामती सुब्हे सादिक़ तक बर क़रार रहती है। ये अल्लाह का खासुल ख़ास करम है के ये अज़ीम रात सिर्फ अपने हबीब को और आप के सदके में आप की उम्मत को अता की गई है।
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