*फैज़ाने लै-लतुल क़द्र* #11
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_शबे क़द्र में पढ़िये_*
अमीरुल मुअमिनिन हज़रते शेरे खुदा رضي الله تعالي عنه फरमाते है : जो कोई शबे क़द्र में सूरतुल क़द्र 7 बार पढता है अल्लाह उसे हर बला से महफूज़ फरमा देता है और 70000 फ़रिश्ते उसके लिये जन्नत की दुआ करते है.
और जो कोई साल भर में जब कभी जुमुआ के रोज़ नमाज़े जुमुआ से क़ब्ल 3 बार पढता है अल्लाह उस रोज़ के तमाम नमाज़ पढ़ने वालो की तादाद के बराबर नेकिया लिखता है।
*✍🏽नुजहतुल मजालिस 1/223*
*✍🏽फैज़ाने सुन्नत 1166*
_हो सके तो हर ताक यानी 21, 23, 25, 27 और 29 वी रात में सूरतुल क़द्र 7 बार पढ़लिजिये।_
*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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और जो कोई साल भर में जब कभी जुमुआ के रोज़ नमाज़े जुमुआ से क़ब्ल 3 बार पढता है अल्लाह उस रोज़ के तमाम नमाज़ पढ़ने वालो की तादाद के बराबर नेकिया लिखता है।
*✍🏽नुजहतुल मजालिस 1/223*
*✍🏽फैज़ाने सुन्नत 1166*
_हो सके तो हर ताक यानी 21, 23, 25, 27 और 29 वी रात में सूरतुल क़द्र 7 बार पढ़लिजिये।_
*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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