*अहकामे रोज़ा* #21
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
*_रोज़ा तोड़ने वाली बाते_* #01
★ खाने, पीने या हम बिस्तरी करने से रोज़ा जाता रहता है जब की रोज़ादार होना याद हो।
*✍🏼रद्दुल मुहतार, 3/365*
★ शकर वगैरा ऐसी चीज़े जो मुह में रखने से घुल जाती है मुह में रखी और थूक निगल गए रोज़ा जाता रहा।
*✍🏼बहारे शरीअत, 5/117*
★ दातो के दरमियान कोई चीज़ चने के बराबर या ज़्यादा थी उसे खा गए या कम ही थी मगर मुह से निकाल कर फिर खा ली तो रोज़ा टूट गया।
*✍🏼दुर्रे मुख्तार, 3/394*
★ दातो से खून निकल कर हल्क़ से निचे उतरा और खून थूक से ज़्यादा या बराबर या कम था मगर इस का मज़ा (टेस्ट) हल्क़ में महसूस हुवा तो रोज़ा जाता रहा और अगर कम था और मज़ा हल्क़ में महसूस न हुवा तो रोज़ा न गया।
*✍🏼दुर्रे मुख्तार, रद्दुल मुहतार, 3/368*
★ रोज़ा याद रहने के बा वुजूद हुक़्ना (यानि किसी दवा की बत्ती या पिचकारी पीछे के मक़ाम में चढ़ाना जिस से इजाबत हो जाए) लिया। या नाक के नथनों से दवाई चढ़ाई रोज़ा टूट गया।
*✍🏼आलमगिरी, 1/204*
★ कुल्ली कर रहे थे बिला क़स्द पानी हल्क़ से उतर गया या नाक में पानी चढ़ाया और दिमाग को चढ़ गया रोज़ा जाता रहा। यु ही रोज़ादार की तरफ किसी ने कोई चीज़ फेकी वो उस के हल्क़ में चली गई तो रोज़ा टूट गया।
बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍🏼फ़ज़ाइले रमज़ान, 201*
*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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★ शकर वगैरा ऐसी चीज़े जो मुह में रखने से घुल जाती है मुह में रखी और थूक निगल गए रोज़ा जाता रहा।
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★ दातो के दरमियान कोई चीज़ चने के बराबर या ज़्यादा थी उसे खा गए या कम ही थी मगर मुह से निकाल कर फिर खा ली तो रोज़ा टूट गया।
*✍🏼दुर्रे मुख्तार, 3/394*
★ दातो से खून निकल कर हल्क़ से निचे उतरा और खून थूक से ज़्यादा या बराबर या कम था मगर इस का मज़ा (टेस्ट) हल्क़ में महसूस हुवा तो रोज़ा जाता रहा और अगर कम था और मज़ा हल्क़ में महसूस न हुवा तो रोज़ा न गया।
*✍🏼दुर्रे मुख्तार, रद्दुल मुहतार, 3/368*
★ रोज़ा याद रहने के बा वुजूद हुक़्ना (यानि किसी दवा की बत्ती या पिचकारी पीछे के मक़ाम में चढ़ाना जिस से इजाबत हो जाए) लिया। या नाक के नथनों से दवाई चढ़ाई रोज़ा टूट गया।
*✍🏼आलमगिरी, 1/204*
★ कुल्ली कर रहे थे बिला क़स्द पानी हल्क़ से उतर गया या नाक में पानी चढ़ाया और दिमाग को चढ़ गया रोज़ा जाता रहा। यु ही रोज़ादार की तरफ किसी ने कोई चीज़ फेकी वो उस के हल्क़ में चली गई तो रोज़ा टूट गया।
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
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