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Wednesday 21 June 2017

*छींकने की सुन्नते और आदाब*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     छींक के वक़्त सर झुकाए, मुंह छुपाए और आवाज़ आहिस्ता निकले। छींक की आवाज़ बुलन्द करना हमाक़त है।
*✍🏼बहारे शरीअत, 6/103*
     हज़रते उबादा बिन सामित व शद्दाद बिन औस व हज़रते वासिला رضي الله عنهم से रिवायत है कि ताजदारे मदीना صلى الله عليه وسلم ने इर्शाद फ़रमाया : किसी को डकार या छींक आए तो आवाज़ बुलन्द न करे कि शैतान को ये बात पसन्द है कि इन में आवाज़ बुलन्द की जाए।
*✍🏼शोएबुल ईमान, 7/32, हदिष:9355*

     हज़रते इब्ने अब्बास رضي الله عنه से रिवायत है कि हुज़ूर صلى الله عليه وسلم ने इर्शाद फ़रमाया : जब किसी को छींक आए और वो *اٙلْحٙمْدُ لِلّٰهِ* कहे तो फ़रिश्ते कहते है *رٙبِّ الْعٙالٙمِينْ* और वो *اٙلْحٙمْدُ لِلّٰهِ رٙبِّ الْعٙا لٙمِينْ* कहता है, तो फ़रिश्ते कहते है, *يٙرْ حٙمُكٙ اللّٰه* यानी अल्लाह तुझ पर रहम फरमाए।
*✍🏼तिबरानी अवसत, 2/305, हदिष:3371*

छिक आने पर *ٙلْحٙمْدُ لِلّٰهِ* कहना सुन्नत है बेहतर यर है कि *ٙلْحٙمْدُ لِلّٰهِ ربِّ الْعٙالٙمِين* कहे। सुनने वाले पर वाजिब है कि फौरन *يٙرْ حٙمُكٙ الله* (यानी अल्लाह तुज पर रहम करे) कहे। और इतनी आवाज़ से कहे की छींकने वाला खुद सुन ले। अगर आवाज़ में ताखीर करदी तो गुनाहगार होगा। सिर्फ जवाब देने से गुनाह मुआफ़ नही होगा तौबा भी करनी होगी।
*✍🏼बहारे शरीअत, 16/102*

     जवाब सुन कर छींकने वाला कहे, *يٙغْفِرُ اللّٰهُ لٙنٙاوٙلٙكُمْ* (अल्लाह हमारी और तुम्हारी मगफिरत फरमाए)
*✍🏼सुन्नते और आदाब, 60*

*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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