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Tuesday 20 June 2017

*बन्दों के हुक़ूक़* #02
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*हमा वक़्त जारी गुनाहो का मीटर !*
     हज़रते इमाम मुहम्मद ग़ज़ाली رحمة الله عليه फरमाते है : जो शख्स क़र्ज़ लेता है और ये निय्यत करता है कि में अच्छी तरह अदा करूंगा, तो अल्लाह उसकी हिफाज़त के लिये चन्द फ़रिश्ते मुक़र्रर फरमा देता है और वो दुआ करता है कि इसका क़र्ज़ अदा हो जाए।
*✍🏼اِتِحا فُ السّادٙة للزّبيدى ج6 ص409*
     और अगर क़र्ज़दार क़र्ज़ अदा कर सकता हो तो क़र्ज़ ख्वाह की मरज़ी के बगैर अगर एक घड़ी भर भी ताखीर करेगा तो गुनाहगार होगा और ज़ालिम क़रार पाएगा। ख्वाह रोज़े की हालत में हो या सो रहा हो, उस्के ज़िम्मे गुनाह लिखा जाता रहेगा। (गोया हर हाल में गुनाह का मीटर चलता रहेगा) और हर सूरत में उस पर अल्लाह की लानत पड़ती रहेगी। ये गुनाह तो ऐसा है की नींद की हालत में भी उसके साथ रहता है। अगर (मकरूज़) अपना सामन बेच कर क़र्ज़ अदा कर सकता है, तब भी करना पड़ेगा, अगर ऐसा नही करेगा तो गुनाहगार है। अगर क़र्ज़ के बदले ऐसी चीज़ दे, जो क़र्ज़ ख्वाह को ना पसन्द हो, तब भी देनेवाला गुनाहगार होगा और जब तक उसे राज़ी न करेगा, इस ज़ुल्म के ज़ुर्म से नजात नही पाएगा, क्यू की उसका ये फेल कबीरा गुनाहो में से है, मगर लोग इसे मामूली ख्याल करते है।
*✍🏼किमियाए सआदत, 1/336*
*✍🏼ज़ुल्म का अन्जाम, 14*
*✍🏼बन्दों के हुक़ूक़, 6*

*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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