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Friday 30 June 2017

*नमाज़ के 7 फराइज़* 10
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_6 क़ादए आखिरह_*
     नमाज़ की रकअते पूरी करने के बाद इतनी देर तक बैठना की पूरी अत्तहिय्यात पढ़ ली जाए फ़र्ज़ है।
*✍🏼आलमगिरी, जी.1 स.70*

     4 रकअत वाले फ़र्ज़ में चौथी रकअत के बाद क़ादह न किया तो जब तक पांचवी का सज्दा न किया हो बैठ जाए, और अगर पाचवी का सज्दा कर लिया या फ़ज्र में दूसरी पर नहीं बैठा तीसरी का सज्दा कर लिया या मगरिब में तीसरी पर नहीं बैठा और चौथी का सज्दा कर लिया
     इन सब सूरतो में फ़र्ज़ बातिल हो गए। मगरिब के इलावा और नमाज़ों में एक रकअत मज़ीद मिला ले।

*_7 खुरूजे बिसुनईहि_*
     यानी क़ादए आखिरह के बाद सलाम या बातचीत वगैरा कोई ऐसा फेल इरादतन करना जो नमाज़ से बाहर कर दे। मगर सलाम के इलावा कोई फेल कसदन पाया गया तो नमाज़ वाजीबुल ईआदा होगी। और अगर बिला क़स्द इस तरह का फेल पाया गया तो नमाज़ बातिल।
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 170*

*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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