*नमाज़ का चोर*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
हज़रते अबू क़तादा رضي الله تعالي عنه से रिवायत है की सरकारे मदीना ﷺ का फरमाने बा करीना है : लोगो में बद तरीन चोर वो है जो अपनी नमाज़ में चोरी करे।
अर्ज़ की गई : या रसूलुल्लाह ﷺ ! नमाज़ का चोर कौन है ?फ़रमाया : वो जो नमाज़ के रूकू और सजदे पुरे न करे।
*✍🏼मस्नद इमाम अहमद हम्बल, जी.8 स.386 हदिष : 22705*
*_चोर की दो किस्मे_*
हज़रते मुफ़्ती अहमद यार खा अलैरहमा इस हदिष के तहत फरमाते है : मालुम हुवा माल के चोर से नमाज़ का चोर बदतर है क्यू की माल का चोर अगर सज़ा भी पाता है तो कुछ न कुछ नफा भी उठा लेता है, मगर नमाज़ का चोर सज़ा पूरी पाएगा इसके लिये नफा की कोई सूरत नहीं।
माल का चोर बन्दे का हक़ मारता है, जब की नमाज़ का चोर अल्लाह का हक़, ये हालत उनकी है जो नमाज़ को नाकिस पढ़ते है इससे वो लोग दरसे इबरत हासिल करे जो सिरे से नमाज़ पढ़ते ही नही।
*✍🏼मीरआत, जी.2 स.78*
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 146-147*
*तमाम मोमिनो के इसले षवाब की निय्यत से*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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अर्ज़ की गई : या रसूलुल्लाह ﷺ ! नमाज़ का चोर कौन है ?फ़रमाया : वो जो नमाज़ के रूकू और सजदे पुरे न करे।
*✍🏼मस्नद इमाम अहमद हम्बल, जी.8 स.386 हदिष : 22705*
*_चोर की दो किस्मे_*
हज़रते मुफ़्ती अहमद यार खा अलैरहमा इस हदिष के तहत फरमाते है : मालुम हुवा माल के चोर से नमाज़ का चोर बदतर है क्यू की माल का चोर अगर सज़ा भी पाता है तो कुछ न कुछ नफा भी उठा लेता है, मगर नमाज़ का चोर सज़ा पूरी पाएगा इसके लिये नफा की कोई सूरत नहीं।
माल का चोर बन्दे का हक़ मारता है, जब की नमाज़ का चोर अल्लाह का हक़, ये हालत उनकी है जो नमाज़ को नाकिस पढ़ते है इससे वो लोग दरसे इबरत हासिल करे जो सिरे से नमाज़ पढ़ते ही नही।
*✍🏼मीरआत, जी.2 स.78*
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 146-147*
*तमाम मोमिनो के इसले षवाब की निय्यत से*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
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