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Saturday 1 July 2017

*नमाज़ के वाजिबात* #01
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

★ तकबीरे तहरिमा में लफ्ज़ "अल्लाहु अक्बर" कहना।

★ फर्ज़ो की तीसरी और चौथी रकअत के इलावा बाक़ी तमाम नमाज़ों की हर रकअत में अलहम्द शरीफ पढना, सूरत मिलाना या क़ुरआने पाक की एक बड़ी आयत जो छोटी तिन आयतो के बराबर हो या तिन छोटी आयते पढ़ना।

★ अलहम्द शरीफ का सूरत से पहले पढ़ना।

★ अलहम्द शरीफ और सूरत के दरमियान "आमीन" और बिस्मिलाह के इलावा कुछ और न पढ़ना।

★ किराअत के फौरन बाद रूकू करना।

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 171*

*तमाम मोमिनो के इसले षवाब के लिये*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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