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Wednesday 19 July 2017

*क़ुर्ब मुस्तफा*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद رضي الله عنه से मरवी है की अल्लाह के महबूब صلى الله عليه وسلم का फरमाने तक़र्रुब निशान है : बरोज़े क़यामत लोगों में मेरे क़रीब तर वो होगा, जिस ने दुन्या में मुझ पर ज़्यादा दुरुदे पाक पढ़े होंगे।
*✍🏼तिर्मिज़ी*

     क़यामत में सब से आराम में वो होगा जो हुज़ूर صلى الله عليه وسلم के साथ रहे और आप की हमराही नसीब होने का ज़रीआ दुरुद शरीफ की कसरत है। इस से मालुम हुवा की दुरुदे पाक बेहतरीन नेकी है की तमाम नेकियों से जन्नत मिलती है और दुरुदे पाक से बज़्मे जन्नत के दूल्हा صلى الله عليه وسلم।
*✍🏼मीरआतुल मनाजिह्, 2/100*

     दुन्या में दुरुद शरीफ की कसरत अक़ीदे की मज़बूती, निय्यत के ख़ुलूस, महब्बत की सच्चाई और इबादत की हमेशगी पर दलालत करती है। लिहाज़ा हमे भी कसरत से दुरुद शरीफ पढ़ना चाहिये।

*✍🏼40 फरमाने मुस्तफा, 4*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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