*83 आसान नेकियां* #06
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*_3-ज़िकरुल्लाह करना_* #04
*अज़कारो अवराद और इन के षवाब पर फरामिने मुस्तफा* #01
*_100 हज का षवाब_*
जिज ने सुबहो शाम 100-100 मर्तबा سبحان الله पढ़ा तो वो 100 हज करने वाले की तरह है।
*✍🏼तिर्मिज़ी*
*_बुराइयां मिटा कर नेकियां लिख दी जाती है_*
जो बन्दा दिन या रात की किसी घड़ी में لٙا اِلٰهٙ اِلّٙااللّٰهُ कहता है तो उस के नामए आमाल में से बुराइयां मिटा कर उन की जगह उतनी ही नेकियां लिख दी जाती है।
*✍🏼مجمع الزواهر*
*_100 के बदले 1000_*
दो खसलते ऐसी है जो बन्दा इन पर हमेशगी इख़्तियार करेगा जन्नत में दाखिल होगा, ये दोनों काम है तो बहुत आसान मगर इन पर अमल करने वाले लोग बहुत कम है।
तुम में से कोई हर नमाज़ के बाद 10 मर्तबा سبحان الله 10 मर्तबा الحمد لله और 10 मर्तबा الله اكبر पढ़ लिया करे तो ये ज़बान पर डेढ़ सो है जब की मीज़ान में 1500 है।
फिर जब वो अपने बिस्तर की तरफ आए तो 33 मर्तबा سبحان الله 33 मर्तबा الحمد لله और 34 मर्तबा الله اكبر कहे, ये ज़बान पर तो 100 है जब की मीज़ान में 1000 है।
*✍🏼सुनन इब्ने माजह*
बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍🏼40 फरमाने मुस्तफा, 26*
*___________________________________*
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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*_100 हज का षवाब_*
जिज ने सुबहो शाम 100-100 मर्तबा سبحان الله पढ़ा तो वो 100 हज करने वाले की तरह है।
*✍🏼तिर्मिज़ी*
*_बुराइयां मिटा कर नेकियां लिख दी जाती है_*
जो बन्दा दिन या रात की किसी घड़ी में لٙا اِلٰهٙ اِلّٙااللّٰهُ कहता है तो उस के नामए आमाल में से बुराइयां मिटा कर उन की जगह उतनी ही नेकियां लिख दी जाती है।
*✍🏼مجمع الزواهر*
*_100 के बदले 1000_*
दो खसलते ऐसी है जो बन्दा इन पर हमेशगी इख़्तियार करेगा जन्नत में दाखिल होगा, ये दोनों काम है तो बहुत आसान मगर इन पर अमल करने वाले लोग बहुत कम है।
तुम में से कोई हर नमाज़ के बाद 10 मर्तबा سبحان الله 10 मर्तबा الحمد لله और 10 मर्तबा الله اكبر पढ़ लिया करे तो ये ज़बान पर डेढ़ सो है जब की मीज़ान में 1500 है।
फिर जब वो अपने बिस्तर की तरफ आए तो 33 मर्तबा سبحان الله 33 मर्तबा الحمد لله और 34 मर्तबा الله اكبر कहे, ये ज़बान पर तो 100 है जब की मीज़ान में 1000 है।
*✍🏼सुनन इब्ने माजह*
बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍🏼40 फरमाने मुस्तफा, 26*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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