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Tuesday 8 August 2017

*नमाज़ के मकरुहाते तहरीमि* #08
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_नमाज़ी की तरफ देखना_* #01
★ किसी शख्स के मुह के सामने नमाज़ पढ़ना।
★ दूसरे शख्स को भी नमाज़ी की तरफ मुह करना ना जाइज़ व गुनाह है, कोई पहले से चेहरा किये हुए हो और अब कोई उस के चेहरे की तरफ रुख कर के नमाज़ शुरू करे तो नमाज़ शुरू करने वाला गुनाहगार हुवा और इन नमाज़ी पर कराहत आई वरना चेहरा करने वाले पर गुनाह व कहारत है।
*✍🏼दुर्रे मुख्तार, जी.2 स.496*

★ जो लोग जमाअत का सलाम फिर जाने के बाद अपने ऐन पीछे नमाज़ पढ़ने वाले की तरफ चेहरा कर के उस को देखते है या पीछे जाने के लिये उस की तरफ मुह कर के खड़े हो जाते है कि ये सलाम फेरे तो निकलू, या नमाज़ी के ठीक सामने खड़े हो कर एलान करते, दर्स देते, बयान करते है ये सब तौबा करे।

★ नमाज़ में नाक और मुह छुपाना
*✍🏼आलमगीरी, जी.1 स.106*

★ बिला ज़रूरत खनकार (यानी बलगम वग़ैरा) निकालना।

★क़सदन जमाहि लेना। (अगर खुद बी खुद आए तो हरज नहीं मगर रोकना मुस्तहब है)
     हुज़ूर ﷺ फरमाते है : जब नमाज़ में किसी को जमाही आए तो जहा तक हो सके रोके कि शैतान मुह में दाखिल हो जाता है।
*✍🏼सहीह मुस्लिम, स.413*

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, स.193*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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