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Monday 4 September 2017

*गुनाहे कबीरा 6*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_वालिदैन की न फ़रमानी करना_*
     अल्लाह इर्शाद फ़रमाता है : _और तुम्हारे रब ने हुक्म फ़रमाया कि उस के सिवा किसी को न पुजो और माँ बाप के साथ अच्छा सुलूक करो अगर तेरे सामने उन में एक या दोनों बुढ़ापे को पहुच जाए तो उन से हूँ (उफ़ तक) न कहना और उन्हें न झिड़कना और उन से ताज़ीम की बात कहना और उन के लिये आजिज़ी का बाज़ू बिछा नर्म दिली से और अर्ज़ कर कि ऐ मेरे रब तू इन दोनों ने मुझे छुटपन (छोटी उम्र) में पाला।
*✍🏼بناسراىٔيل*

_और हम ने आदमी को ताकीद की अपने माँ बाप के साथ भलाई की।
*✍🏼العنكبوت ٨*

*_वालिदैन की ना फ़रमानी की मज़म्मत में फरमाने मुस्तफा_*
     रसूले अकरम صلى الله عليه وسلم ने इर्शाद फ़रमाया : क्या में तुम्हें बड़े कबीरा गुनाहों के बारे में खबर न दूँ ? फिर आप ने उन गुनाहों में वालिदैन की ना फ़रमानी को भी ज़िक्र फ़रमाया।
*✍🏼مسلم*

     अल्लाह की रिज़ा वालिद की रिज़ा में है और अल्लाह की नाराज़ी वालिद की नाराज़ी में है।
*✍🏼ترمذى*

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼76 कबीरा गुनाह, 42*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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