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Sunday 28 January 2018

*वेलेन्टाइन डे हम मना सकते है ?*

*वेलेन्टाइन डे हम मना सकते है ?*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
     आमदम बर सरे मतलब के तहत अब सुवाल चुकी वेलेन्टाइन डे के बारे में है इसलिये खुसुसंन सबसे पहले वेलेन्टाइन डे का तारीखी पस मंज़र और इन दिन होने वाली खुराफात को बयान किया जाता है ताकि मुसलमानो पर वाज़ेह हो की इन गुनाहो से भरपूर दिन की हक़ीक़त क्या है।
     चुनान्चे कहा जाता है की एक पादरी जिस का नाम वेलेन्टाइन था तीसरी सदी ईस्वी में रूमी बादशाह क्लाडेस सानी के ज़ेरे हुक़ूमत रहता था
     किसी ना फ़रमानी की बिना पर बादशाह ने पादरी को जेल में डाल दिया
     पादरी और जेलर की लड़की के माबैन इश्क़ हो गया हत्ता की लड़की ने इस इश्क़ में अपना मज़हब छोड़ कर पादरी का मज़हब नसरानीययत क़ुबूल कर लिया।
     अब लड़की रोज़ाना एक सुर्ख गुलाब ले कर पादरी से मिलने आती थी
     बादशाह को जब इन बातो का इल्म हुआ तो उसने पादरी को फ़ासी देने का हुक्म सादिर कर दिया
     जब पादरी को इस बात का इल्म हुआ तो उसने अपने आखरी लम्हात अपनी माशुका के साथ गुज़ारने का इरादा किया और इस के लिये एक कार्ड भेजा जिस पर ये लिखा था "मुख्लिस वेलेन्टाइन की तरफ से"
     बिल आखिर 14 फरवरी को उस पादरी को फ़ासी दे दी गई। इसके बाद से हर 14 फ़रवरी को ये महब्बत का दिन उस पादरी के नाम वेलेन्टाइन डे के तौर पर मनाया जाता है।
*वेलेन्टाइन डे क़ुरआनो हदिष की रौशनी में* 13-14
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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