Pages

Friday 27 July 2018

*गुनाहों का अन्जाम*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     कब तक नेक आमाल में सुस्ती करोगे? और कब तक झूटी ख्वाहिशात की तकमील की हिर्स रखोगे? तुम मोहलत से धोका खाते हो और मौत के हमले को याद नहीं करते हो, जिसे तुम ने जना है (औलाद) वो मिटटी के लिये है और जो कुछ तामीर किया है (मकान वगैरा) वो वीरान होने के लिये है और जो कुछ तुम ने जमा किया है (माल दौलत) वो खत्म होने के लिये है और तुम्हारे अमल क़यामत के दीन के लिये एक आमाल नामे में महफूज़ है।

     अगर हम मरने के बाद (यूंही) छोड़ दिये जाएं तो फिर मौत हर ज़िन्दा के लिये राहत बन जाए।

     मगर जब हम मरेंगे तो दोबारा उठाए जाएंगे और इसके बाद हर शै के बारे में हमसे पूछा जाएगा।

*आंसुओं का दरिया* 52

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

*​DEEN-E-NABI ﷺ*

📲JOIN WHATSAPP

*(बहनो के लिये अलग ग्रुप)*

📱+91 95580 29197

📧facebook.com/deenenabi

📧Deen-e-nabi.blogspot.in

📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA

No comments:

Post a Comment