بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
फिर 4 रकअते पूरी करके कादए आखिरह में तशह्हुद के बाद दुरुदे इब्राहिम पढ़िये, फिर दुआए मासुरा पढ़िये
फिर नमाज़ खत्म करने के लिये पहले दाए कन्धे की तरफ मुह कर के "अस्सलामु अलैक वरहमतुल्लाह" कहिये और इसी तरह बाई तरफ।
अब नमाज़ खत्म हुई।
इस्लामी भइयो और बहनो के दिये हुए इस तरीकए नमाज़ में बाज़ बाते फ़र्ज़ है की इसके बगैर नमाज़ होगी ही नही,
बाज़ बाते वाजिब की इस का जानबूझ कर छोड़ना गुनाह और तौबा करना और नमाज़ का फिर से पढ़ना वाजिब, और भूल कर छूटने से सज्दए सहव वाजिब
और बाज़ सुन्नते मुअक्कदा है की जिस के छोड़ने की आदत बना लेना गुनाह है और
बाज़ मुस्तहब है की जिस का करना सवाब और न करना गुनाह नही।
*✍🏼बहारे शरीअत, ही.3 स.66*
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 154-155*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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