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Tuesday 14 August 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #220


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*क़ौमे आद पर अज़ाब क्या आया?*

     उस क़ौम पर 7 रातों और 8 दिन लगातार शदीद आंधी चली, सिर्फ गरज़ थी बारिश नहीं थी। वही लोग जो बादलों को देखकर खुश हो रहे थे और ये कह रहे थे कि अज़ाब तो हम अपनी ताक़त से टाल देंगे। जब उन्होंने देखा कि शदीद गरजने वाली आंधी फ़िज़ा में हैवानों और परिंदों को उड़ा रही है तो ये अपने मकानों में दाखिल हो गये ताकि आंधी को शिद्दत से बच सकें, लेकिन सारे दावे धरे के धरे रह गये। अल्लाह ने उस फ़रिश्ते को हुक्म दिया जो हवाएं चलाने पर मुक़र्रर है कि आद की क़ौम पर अपने हवाओं के ख़ज़ाने से इतनी मिक़दार में हवा खोल दी जितनी मिक़दार एक अंगूठी की होती है। रब के ख़ज़ानों में से ये बज़ाहिर मामूली थी लेकिन दुन्या में हौलनाक तूफान था।

     सबसे पहले एक औरत ने देखा कि हवा में मुझे आग के शोले नज़र आ रहे है, उस हवा ने मकानों के दरवाज़े गिरा दिये। वो उनके नथुनों में दाखिल होती और उनकी दूबर से निकल जाती, वो हवा उन्हें गिरा रही थी उनकी गर्दने टूट रही थीं कभी इन्हें ज़मीन से उठाया और फिर नीचे फेंक दिया। वो रेत के टीलों में दब जाते। ये सिलसिला 7 रातें 8 दिन मुसलसल रहा, किसी वक़्त भी आंधी न रुकी वो सब तबाह व बर्बाद हो गये बड़े बड़े कदो वाले अपनी ताक़त पर नाज़ करने वाले अल्लाह की गिरफत में जब आये तो ऐसे बर्बाद हुए की मरे हुए यूँ नज़र आ रहे थे कि ये खजूरों के तने गिरे हुए है।

     रब की अज़ीम कुदरत का अंदाज़ा कीजिये जहां कुफ्फार को तबाह व बर्बाद कर दिया वहां हुद عليه السلام और उनकी क़ौम की नजात दी। हुद عليه السلام ने अपनी क़ौम के इर्द गिर्द खत खीच दिया वो शदीद आंधी उन्हें खुशगवार मौसमे बाहर की हल्की ठंडी ठंडी सुहानी हवा महसूस हो रही थी। कुफ्फार गिर गिर कर तबाह हो रहे थे। उनकी गर्दनें टूट रही थीं। रेत के टीलों में दब रहे थे लेकिन अल्लाह वाले, नबी पर ईमान लाने वाले, उसी आंधी से लुत्फ अंदोज़ हो रहे थे। سبحان الله अल्लाह की कुदरत का इंसाफ कैसे अंदाज़ा कर सकता था? उसकी हिकमतों से वो खुद ही वाकिफ है।

     अल्लाह ने फरमाया: कुफ्फार को दुन्या में भी सख्त अज़ाब में मुब्तला किया और क़यामत में वो शदीद अज़ाब में मुब्तला होंगे, मोमिनो को अल्लाह ने दुन्या में भी महफूज़ रखा और क़यामत में भी महफूज़ रखेगा।

     नबी की तकज़िब नबी की गुस्ताखी तबाह कुन अज़ाब को दावत देने के मतरादिक़ है।

     अल्लाह ईमान पर क़ायम व दाईम रहने की तौफ़ीक़ अता फरमाये और अम्बियाए किराम की शान में गुस्ताखी से बचाए।

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 181

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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