Pages

Sunday 5 August 2018

*इमाम शाफेई رحمة الله عليه की फिक्रे आखरत*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     इमाम मुज़नी رحمة الله عليه  फरमाते है कि जब में हज़रते इमाम शाफेई رحمة الله عليه के पास उन के मरज़ूल मौत में हाज़िर हुवा तो पूछा "आप का हाल कैसा है? फ़रमाया: दुन्या से रुखसत होने वाला हूँ, दोस्तों से जुदा होने वाला हूँ, मौत का प्याला पीने वाला हूँ, अपने बुरे आमाल से मिलने वाला हूँ, अल्लाह की बारगाह में हाज़िर होने वाला हूँ और मुझे ये भी मालूम नहीं कि मेरी रूह जन्नत में दाखिल होगी कि में उसे मुबारक बाद दूं या जहन्नम में डाली जाएगी कि उस से ताज़ियत करूँ। फिर आप रो दिये और ये अशआर पढ़े...

     (1) जब मेरा दिल सख्त हो गया और मेरे रास्ते तंग हो गए तो में ने तुझ से मुआफी की उम्मीद को वासिता बना लिया है।

     (2) मुझे अपने गुनाह बहुत बड़े लगते थे, मगर ए रब! जब में ने इन को तेरे अफवो दर गुज़र से मिलाया तो तेरे अफवो दर गुज़र को बहुत बड़ा पाया।

     (3) तू हमेशा मेरे गुनाहों को मुआफ़ करता रहा, तूने हमेशा जुदो करम के साथ मुझे मुआफी अता फ़रमाई।

     (4) अगर तेरा ये करम न होता तो इब्लीस से कोई इबादत गुज़ार न बच पाता, क्यू कि उस लइन ने तो तेरे सफी हज़रते आदम को भी बहकाने की कोशिश की थी।

     इस्लामी भाइयों! जल्द अज़ जल्द गुनाहों से तौबा कर लो और उन के नक़्शे क़दम पर चलो जिन्हों ने तौबा की ओर बख्शीश पा गए और जिन्हों ने अपने आप को रिज़ाए इलाही के हुसूल में थका दिया, काश कि तुम उन्हें रातों की तारीकियों में देखो कि वो इबादत में मशगूल होंगे और अपने रब की किताब की तिलावत करते होंगे और जिन्हों ने अपनी परेशानियां अपने रब के हुज़ूर झुका दीं और अपनी हाजात उस रब की बारगाह में पेश कर दी जो देखता है मगर खुद नज़र नहीं आता।

*✍आंसुओं का दरिया* 65

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

*​DEEN-E-NABI ﷺ*

📲JOIN WHATSAPP

*(बहनो के लिये अलग ग्रुप)*

📱+91 95580 29197

📧facebook.com/deenenabi

📧Deen-e-nabi.blogspot.in

📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA

No comments:

Post a Comment