بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
जिसे महरूमी ने बिठा रखा है, ये तौबा करने वालों का काफिला है तू भी इनके साथ शरीके सफर हो जा। तेरे पास न तो आंसुओं का कोई खज़ाना है और न ही अफसोस करने वाला दिल है। में तुझे बे यारो मददगार देख रहा हु।ये बुढापे की घण्टी कूच का एलान कर रही है। ए शख्स आख़िरत की तैयारी कर ले कब तक उज़्र करता रहेगा? कब तक सुस्ती करेगा? कितनी गफलत करेगा?
में क़यामत के दिन तुझे माज़ूर नहीं पाता। तेरे विसाल का घर वीरान है जब की जुदाई का घर आबाद है। क़दम बढा शायद तौबा से कोताहियों का इज़ाला हो जाए और सहरी के वक़्त एक सजदा ऐसा कर ले जो तुझे क़यामत की होलनकियों से नजात दिलाए।
*✍️आंसुओं का दरिया* 137
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
*DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
*(बहनों के लिये अलग ग्रुप)*
📱+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in
📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA
No comments:
Post a Comment