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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
● अल्लाह के हुक्म की तामील होती है।
● एक मर्तबा दुरुद पढ़ने वाले पर 10 रहमते नाज़िल होती है। उसके 10 दरजात बुलन्द होते है। उसके लिये 10 नेकिया लिखी जाती है। उसके 10 गुनाह मिटाए जाते है।
● दुरुद पढ़ना नबिय्ये रहमत की शफ़ाअत का सबब है।
● दुरुद पढ़ना गुनाहो की बख्शिश का बाइस है।
● दुरुद के ज़रिए अल्लाह बन्दे के गमो को दूर करता है।
● दुरुद पढ़ने के बाइस बन्दा क़यामत के दिन रसूले अकरम ﷺ का कुर्ब हासिल करेगा।
● दुरुद तंगदस्ती के लिये सदक़ा के क़ाइम मक़ाम है।
● दुरुद क़ज़ाए हाजात का ज़रिया है।
● दुरुद अल्लाह की रहमत और फिरिश्तो की दुआ का बाइस है।
● दुरुद अपने पढ़ने वाले के लिये पाकीज़गी और तहारत का बाइस है।
● दुरुद से बन्दे को मौत से पहले जन्नत की खुश खबरी मिल जाती है।
बाक़ी अगली पोस्ट में... انشاء الله
*✍🏽जिलाउल अफहाम, 246*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 165*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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