*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
हज़रत उबादा बिन सामित से मरवी है कि हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : पांच वक़्त की नमाज़ अल्लाह ने फ़र्ज़ फ़रमाई है, जिसने अच्छे ढंग से वुज़ू किया और नमाज़ों को उनके वक़्तों पर अदा किया और उनका हक़ हल्का समझकर बर्बाद नहीं किया तो अल्लाह फ़रमाता है "उनका मेरे जिम्मे ये वादा है कि ऐसे आदमी को बख्श दूंगा।
*✍🏼मुस्नदे अहमद*
हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : नमाज़ दरमियानी औक़ात (वक़्तों) के गुनाहों का कफ़्फ़ारा है जबकि कबीरा (बड़े) गुनाहों से ओरहेज़ किया जाए।
*✍🏼कन्जुल उम्माल*
*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 17
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
*DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
*(बहनो के लिये अलग ग्रुप)*
📱+91 9033 833 975
📧facebook.com/deenenabi
ot.in
No comments:
Post a Comment