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Wednesday 16 January 2019

*दीन व दुन्या की भलाइयां*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*रोज़ी में बरकत*

     दुकान/ऑफिस जाने से पहले 2 रकअत नफ़्ल अदा करे। मर्द के साथ घर की औरतें भी इसे अदा करे

*निय्यत* - या अल्लाह! मेरे लिये हलाल रोज़ी आसानी से अता कर, दिन 11वी रात 12वी तरक्की अता कर, चारो तरफ से आसानी के साथ हलाल रोज़ी के दरवाजे खोल दे और उसमें ऐसी बरकतें अता फरमा की में तेरी रिज़ा के लिए तेरी दी हुई रोज़ी में से तेरी राह में खर्च कर सकू, ओर अपने अहलो अयाल की अच्छे से परवरिश कर सकू।


*बीमारी से शिफा*

     ज़ोहर बाद 2 रकअत नफ़्ल अदा करे।

*निय्यत* - या अल्लाह! मेरे वालिदैन ओर हम मियां-बीवी व बच्चों में जो भी बीमारी हो उसे से आसानी के साथ शिफाए कामिला अता फरमा ओर हमे ऐसी तंदुरस्ती अता फरमा के तेरी रिज़ा के लिये अच्छी तरह तेरी इबादत कर सके।


*ज़िंदगी मे आसानी*

     मगरिब बाद 2 रकअत नफ़्ल अदा करे।

*निय्यत* - या अल्लाह! अबतक की ज़िंदगी तूने अच्छी तरह गुज़ार दी आइंदा की ज़िंदगी इससे बेहतर ओर तेरे व तेरे महबूब ﷺ की इताअत के साथ गज़ार।


*गुनाहों से तौबा*

     ईशा बाद 2 रकअत नफ़्ल अदा करे।

*निय्यत* - या अल्लाह! अब तक मुझसे जाने-अन्जाने में जो भी छोटे बड़े गुनाह हुए है तू उसे मुआफ़ फरमा, ओर गुनाहों से मेरे दिल मे नफरत पैदा कर ओर नेकियों से महब्बत पैदा कर।


*अच्छे रिश्ते के लिये*

     दिन में कभी भी 2 रकअत नफ़्ल अदा करे। हो सकते तो सुबह मकरूह वक़्त खत्म होने के बाद पढले।

*निय्यत* - या अल्लाह! मुझे आसानी के साथ नेक, स्वालेह मियां/बीवी अता फरमा ओर आपस मे मुहब्बते पैदा फरमा।


*दुरूद शरीफ*

     दिन में कभी भी कम अज़ कम 313 मर्तबा दुरूद शरीफ पढ़े।


*नॉट*

     ये सब नवाफिल 5 वक़्त की नमाज़ के साथ साथ अदा करनी है। फ़र्ज़ छोड़ के नवाफिल अदा करने से इसका फायदा हासिल नही होगा।


     जो बन्दा/बन्दी फ़राइज़ के साथ इन नफ्लो की पाबंदी कर ले ان شاء الله अल्लाह उसे कामयाबी अता करेगा।

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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