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Thursday 14 February 2019

ईमान व इस्लाम से मुतअल्लिक कुफ़िय्या क्वलिमात* 

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सुवाल* - किसी शख्स को अपने ईमान में शक हो तो ऐसे के बारे में क्या हुक्म है ? 

     *जवाब* - जिस शख्स को अपने ईमान में शक हो यानी कहता है कि मुझे अपने मोमिन होने का यकीन नहीं या कहता हैं मालूम नहीं में मोमिन हूं या काफ़िर वोह काफ़िर है। हां अगर उस का मतलब येह हो कि मालूम नहीं मेरा ख़ातिमा ईमान पर होगा या नहीं तो काफिर नहीं। जो शख्स ईमान व कुफ़ को एक समझे यानी कहता है कि सब ठीक है खुदा को सब पसन्द है वोह कफ़िर है। युहीं जो शख्स ईमान पर राजी नहीं या कुफ्र पर राजी है वोह भी काफ़िर है। 


     *सुवाल* - इस्लाम को बुरा कहने वाले के बारे में क्या हुक्म है ? 

     *जवाब* - एक शख्स गुनाह करता है लोगों ने उसे मन्अ किया तो कहने लगा इस्लाम का काम इसी तरह करना चाहिये यानी जो गुनाह व मासिय्यत को इस्लाम कहता है वोह काफ़िर है। यूहीं किसी ने दूसरे से कहा : मैं मुसलमान हूं, उस ने जवाब में कहा : तुझ पर भी लानत और तेरे इस्लाम पर भी लानत, ऐसा कहने वाला काफ़िर हैं। 

*✍️बुन्यादी अक़ाइद और मामुलाते अहले सुन्नत* 65

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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