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Thursday 14 February 2019

वो सूरतें जो कुफ्रिय्या नहीं हैं*

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सुवाल* - जबान फिसलने की वजह से कुफ़िय्या बात निकल गई तो क्या हुक्म है ? 

     *जवाब* - कहना कुछ चाहता था और ज़बान से कुफ़ की बात निकल गई तो काफ़िर न हुवा यानी जब कि इस अम्र से इज़हारे नफ़रत करे कि सुनने वालों को भी मालूम हो जाए कि गलती से येह लफ्ज़ निकला है और अगर बात की पच की तो अब काफ़िर हो गया कि कुफ्र की ताईद करता है। 


     *सुवाल* - कुफ़्रिय्या बात का दिल में ख्याल पैदा हुवा तो क्या काफ़िर हो जाएगा? 

     *जवाब* - कुफ़्रिय्या बात का दिल में खयाल पैदा हुवा और ज़बान से बोलना बुरा जानता है तो येह कुफ्र नहीं बल्कि खास ईमान की अलामत है कि दिल में ईमान न होता तो उसे बुरा क्यूं जानता ? 

*✍️बुन्यादी अक़ाइद और मामुलाते अहले सुन्नत* 63

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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