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Friday 15 July 2016

सिरते मुस्तफाﷺ


*जंगे उहुद*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_हज़रते सफिय्या का हौसला_*
     हुज़ूरﷺ की फूफी हज़रते बीबी सफिय्याرضي الله تعالي عنها अपने भाई हज़रते हम्ज़ाرضي الله تعالي عنه की लाश पर आई तो आप ने उनके बेटे हज़रते ज़ुबैर को हुक्म दिया कि मेरी फूफी अपने भाई की लाश न देखने पाए। हज़रते बीबी सफिय्या ने कहा कि मुझे अपने भाई के बारे में सब कुछ् मालुम हो चूका है लेकिन में इस को खुदा की राह में कोई बड़ी क़ुरबानी नही समझती,
     फिर हुज़ूरﷺ की इजाज़त से लाश के पास गई और ये मन्ज़र देखा कि प्यारे भाई के कान, नाक, आँख सब कटे पिटे शिकम चाक, जिगर चबाया हुवा पड़ा है, ये देख कर इस शेर दिल खातुन ने "इन्न लिल्लाहि व इन्न इलैही राजिऊन" के सिवा कुछ भी न कहा फिर उन की मग्फिरत की दुआ मांगती हुई चली गई।
*✍🏽सिरते मुस्तफा 280*
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