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Tuesday 19 July 2016

मुर्दे की बेबसी


*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_मुर्दा और गस्साल_*
ज़बर दस्त आलिम व मुहद्दिस और मशहूर ताबेइ बुज़ुर्ग सुफ़यान सौरी अलैरहमा से मारवी है कि मरने वाला हर चीज़ को जानता है, हत्ता कि गस्साल से कहता है : तुझे खुदा की क़सम तू गुस्ल में मेरे साथ नरमी कर, और जब वो अपने जनाज़े की चारपाई पर होता है, उससे कहा जाता है : अपने बारे में लोगो की बाते सुन।
*✍🏽शरहु स्सुदुर 95*

*_मुर्दा क्या कहता है_*
अमीरुल मुअमिनिन हज़रते उमर फरुके आज़मرضي الله تعالي عنه रिवायत करते है, नबीﷺ का फरमान है : मुर्दा जब तख्त पर रखा जाता है और उसे ले कर अभी 3 क़दम ही चले होते है कि वो बोलता है और उसके कलाम को इन्सान और जिन्नों के इलावा अल्लाह जिसे चाहे सुनवाता है।
मुर्दा कहता है : ऐ मेरे भाइयो ! और ऐ मेरा जनाज़ा उठाने वालो ! तुम्हे दुन्या धोके में न डालदे जैसा की मुझे डाले रखा और ज़माना तुम्हारे साथ न खेले जैसा की मेरे साथ खेल, मेने जो कुछ कमाया वो अपने वुरसा के लिये छोड़ा, अल्लाह क़यामत के दिन मुझसे हसाब लेगा और मेरी गिरफ्त फ़रमाएगा, हाला कि तुम लोग मुझे रुखसत करते और मुझे पुकारते (यानी मेरे लिये रोते) हो।
*✍🏽शरहु स्सुदुर 96*
*✍🏽मुर्दे की बे बसी 1*
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