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Wednesday 20 July 2016

मदनी पंजसुरह

*सूरए यासीन शरीफ के फ़ज़ाइल*
हिस्सा-06
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     हज़रते अबू जाफर मुहम्मद बिन अलीرضي الله تعالي عنه से रिवायत है फरमाते है : जो शख्स अपने दिल में सख्ती पाए तो ववेक प्याले में ज़ाफ़रान से
*يٰسٓ وَالْقُرْاٰنِ الْحَكِيْمِ*
लिखे फिर उसे पी जाए। (इन्शा अल्लाह उसका दिल नर्म होगा)
*दुर्रेमन्सूर 7/39*

     अमीरुल मुअमिनिन हज़रते अबू बक्र सिद्दीक़رضي الله تعالي عنه से रिवायत है कि हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया : जिसने हर जुमुआ को अपने वालिदैन दोनों या एक की क़ब्र की ज़ियारत की और उनके पास यासीन की तिलावत की तो अल्लाह हर हर्फ़ के बदले उस की बख्शीश व मग्फिरत फरमा देता है।
*✍🏽दुर्रेमन्सूर 7/40*
*✍🏽मदनी पंजसुरह 24*
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