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Wednesday 30 August 2017

*कबीरा गुनाह 4* #03
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_आमाल में सब से पहला सुवाल_*
     हुज़ूर صلى الله عليه وسلم ने इर्शाद फ़रमाया : क़यामत के दिन बन्दे के आमाल में सब से पहले नमाज़ के मुतअल्लिक़ सुवाल होगा। अगर ये दुरुस्त हुई तो उस ने फलाह व कामयाबी पाई और इस में कमी हुई तो वो ना मुराद हुवा और उस ने नुक़्सान उठाया।
*ترمذى*

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : मुझे हुक्म दिया गया है कि में लोगों से जिहाद करूँ यहाँ तक कि वो ये गवाही दे कि अल्लाह के इलावा कोई मअबूद नहीं और मुहम्मद (صلى الله عليه وسلم) अल्लाह के रसूल है, नमाज़ क़ाइम करें और ज़कात दे। जब ये कर लेंगे मुझ से अपने खून व माल बचा लेंगे सिवाए इस्लामी हक़ के और उन का हिसाब अल्लाह के ज़िम्मे है।
*بجارى*

     हज़रते अबू सईद رضي الله عنه बयान करते है की एक शख्स ने कहा : या रसूलुल्लाह صلى الله عليه وسلم ! अल्लाह से डरिये ! रसूले करीम صلى الله عليه وسلم ने इर्शाद फ़रमाया : तेरी हलाकत हो !क्या में अहले ज़मीन में अल्लाह से सब से ज़्यादा डरने का हक़दार नहीं हूँ ? हज़रते खालिद बिन वलीद رضي الله عنه ने अर्ज़ की : या रसूलुल्लाह صلى الله عليه وسلم  !क्या में इस शख्स की गर्दन न मार दूँ ? ये सुन कर रसूले पाक ने फ़रमाया : नहीं कि हो सकता है ये नमाज़ पढ़ता हो।
*بجارى*

*_कारुन, फ़िरऔन, हमान और उबय बिन खल्फ़ के साथ हशर_*
     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : जो नमाज़ की हिफाज़त नहीं करेगा तो नमाज़ उस के लिये क़यामत के दिन नूर, दलील और नजात का बाइस नहीं होगी और वो बरोज़े क़यामत कारून, फ़िरऔन, हामान और उबय बिन खल्फ़ के साथ होगा।
*76 कबीरा गुनाह, 36*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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