Pages

Wednesday 30 August 2017

*तर्के जमाअत के आज़ार*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     मरीज, जिसे मस्जिद तक जाने में मशक़्क़त हो। अपाहज, जिसका पाउ कट गया हो, जिस पर फालिज गिरा हो.

     इतना बुढा कि मस्जिद तक जाने से आजिज़ हो, अँधा, अगर्चे अंधे के लिये कोई ऐसा हो की हाथ पकड़ कर मस्जिद तक पहुचा दे।

     सख्त बारिश और सदिद कीचड़ का हाइल होना, सख्त सर्दी, सख्त अँधेरा, आंधी।

     माल या खाने के ज़ाए होने का अंदेशा हो, क़र्ज़ ख्वाह का खौफ है और ये तंगदस्त है, ज़ालिम का खौफ।

     पखाना, पेशाब या रीह की हाजते शदीद है,
     खाना हाज़िर है और नफ़्स को इस की ख्वाहिश है।

     काफिला चले जाने का अंदेशा है।

     मरीज़ की तिमार दारी, कि जमाअत के लिये जाने से इसको तकलीफ होगी और घबराएगा।

👆🏽ये सब तर्के जमाअत के लिये उज़्र है।
*दुर्रेमुखतार मअ रद्दलमोहतर, 2/292*
*नमाज़ के अहकाम, स.203*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
📱+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment