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Monday 4 February 2019

*नमाज़ छोड़ने के नुक्सानात हक़ीक़त की रौशनी में* #02


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

      हदिष में बे-नमाज़ी को डराते हुए जो कहा गया है कि "बे-नमाज़ी क़यामत के दिन क़ारून, फ़िरऔन, हामान और उबय बिन खल्फ़ (जैसे दुश्मनाने खुदा के साथ) होगा" इसकी वज़ाहत करते हुए हज़रत इमाम ग़ज़ाली رحمة الله عليه तहरीर फ़रमाते है कि (क़ारून, फ़िरऔन, हामान और उबय बिन खल्फ़ के साथ) नमाज़ छोड़ने वाला इसलिये उठाया जाएगा क्योंकि अगर उसने अपने मालो अस्बाब में मशगुलियत की वजह से नमाज़ छोड़ी होगी तो वो क़ारून की तरह है और उसी के साथ उठाया जाएगा, अगर मुल्क की मशगुलियत की वजह से नमाज़ न पढ़ी तो वो फ़िरऔन की तरह है और उसी के साथ उठाया जाएगा और अगर वज़ारत की मशगुलियत उसे नमाज़ से रोकती है तो वो हामान की तरह है और उसी के साथ उठाया जाएगा और अगर तिजारत में लगे रहने की वजह से नमाज़ नहीं पढ़ी तो वो उबय बिन खल्फ़ मक्का के ताजिर की तरह है उसी के साथ उठाया जाएगा।

*✍🏼मकशफतुल कुलूब* 383

*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 29

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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