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Tuesday 5 February 2019

दिन व दुन्या की भलाइयों वाली दुआ* #14

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*_नज़रे बद लगने पर पढ़े_*

وَاِنْ يَّكَادُ الَّذِيٍنَ كَفَرُوْا لَيُزْلِقُوْنَكَ بِاَبْصَارِهِمْ لَمَّا سَمِعُواالذِّكْرَ وَيَقُوْلُوْنَ اِنَّهُ لَمَجْنُوْنٌ o

*तर्जमा* - और ज़रूर काफ़िर तो ऐसे मालुम होते है की गोया अपनी बद नज़र लगा कर तुम्हे गिरा देंगे, जब क़ुरआन सुनते है और कहते है ये ज़रूर अक़्ल से दूर है।

*पारह 29*


    ये आयत नज़रे बद से बचने के लिये इक्सिर है।

*✍🏽नुरुल इरफ़ान, 971*


     हज़रते हसनرضي الله تعالي عنه ने फ़रमाया : जिस को नज़र लगे उस पर ये आयत पढ़ कर दम कर दी जाए।

*✍🏽खज़ाइनुल इरफ़ान, 1019*


اَللَّهُمَّ اَذْهِبْ عَنْهُ حَرَّهَا وَبَرْدَهَا وَوَصَبَهَا

*तर्जमा* - ऐ अल्लाह ! इस (नज़रे बद) की गर्मी, सर्दी और मुसीबत इस से दूर कर दे।

*✍🏽अलमुस्तदरक लिल्हाकिम, 5/305*

*✍🏽मदनी पंजसुरह, 219*


*नॉट :* जिन हजरात को अरबी नही आती वो तर्जुमा याद करले और उसे पढ़े। और जो अरबी जानते है वो तर्जुमे को जहन में रखे ताकि पता चले की हम क्या पढ़ रहे है, ये दुआ में क्या है। अपनी मादरी ज़बान में दुआ पढ़ना बेहतर है।

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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