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Wednesday 11 October 2017

*क़ज़ा नमाज़ का तरीका* #05
بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ

*_अगर नमाज़ पढ़ना भूल जाए तो..?_*
     हुज़ूर ﷺ ने इरशाद फ़रमाया : जो नमाज़ से सो जाए या भूल जाए तो जब याद आए पढ़ ले कि वोही उसका वक़्त है।
*✍🏼मुस्लिम 346*

     हुक़हाए किराम फरमाते है : सोते में या भूले से नमाज़ क़ज़ा हो गई तो उसकी क़ज़ा पढ़नी फ़र्ज़ है अलबत्ता क़ज़ा का गुनाह उस पर नही मगर बेदार होने और याद आने पर अगर वक़्ते मकरूह न हो तो उसी वक़्त पढ़ ले ताखीर मकरूह है।
*✍🏼बहारे शरीअत 1/701*
*✍🏼नमाज़ के अहकाम 243*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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