بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
*सुवाल* - वित्र में तक्बीरे कुनूत कहने का क्या हुक्म है ?
*जवाब* - तीसरी रकअत में किराअत के बाद तक्बीरे कुनूत कहना वाजिब है।
*सुवाल* - अगर दुआए कुनूत पढ़ना भूल आएं तो क्या करें ?
*जवाब* - अगर दुआए कुनूत पढ़ना भूल गए और रुकूअ में चले गए तो वापस न लौटिये बल्कि सजदए सहव कर लीजिये।
*सुवाल* - दुआए कुनूत बुलन्द आवाज़ से पढ़ी जाए या आहिस्ता ?
*जवाब* - दुआए कुनूत आहिस्ता आवाज़ से पढ़े इमाम हो या मुन्फरीद या मुक्तदी, अदा हो या क़जा, रमज़ान में हो या और दिनों में।
*✍️दिलचस्प मालूमात* 66
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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