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Monday 17 December 2018

*वाजिबाते नमाज़ और सजदए सहब* #03


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सुवाल* - जान बूझ कर वाजिब तर्क किया तो क्या हुक्म है ? 

     *जवाब* - जान बूझ कर वाजिब तर्क किया तो सजदए सहव काफी नहीं बल्कि नमाज़ दोबारा लौटाना वाजिब है। 


     *सुवाल* - फर्ज तर्क हो गया तो क्या सजदए सहव से उस की तलाफ़ी हो जाएगी ? 

     *जवाब* - फ़र्ज़ तर्क हो जाने से नमाज़ जाती रहती है सजदए सहव से उस की तलाफ़ी नहीं हो सकती लिहाज़ा दोबारा पढ़िये। 


     *सवाल* - नमाज में कुरआने पाक पढ़ने से कब सजदए सहव वाजिब होता है ? 

     *जवाब* - कियाम के इलावा दीगर अरकान में कुरआने मजीद पढ़ने से राजदए सहव वाजिब होता है। 

*✍️दिलचस्प मालूमात* 63

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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