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بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
*_जल्द से जल्द क़ज़ा पढ़ लीजिये_*
जिसके ज़िम्मे क़ज़ा नमाज़े हो उन का जल्द से जल्द पढ़ना वाजिब है मगर बाल बच्चों की परवरिश और अपनी जरूरियात की फराहमी के सबब ताखीर जाइज़ है। लिहाज़ा कारोबार भी करता रहे और फुर्सत का जो वक़्त मिले उसमे क़ज़ा पढता रहे यहाँ तक कि पूरी हो जाए।
*✍🏽दुर्रेमुखतार 2/646*
*_छुप कर क़ज़ा पढ़िये_*
क़ज़ा नमाज़े छुप कर पढ़िये लोगो पर इस का इज़हार न कीजिये की गुनाह का इज़हार भी मकरुहे तहरिमि व गुनाह है।
*✍🏽रद्दुल मोहतार 2/650*
लिहाज़ा अगर लोगो की मौजूदगी में वित्र क़ज़ा पढ़े तो तकबिरे क़ुनूत के लिये हाथ न उठाए।
*✍🏽नमाज़ के अहकाम 250*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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