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Sunday 16 December 2018

तज़किरतुल अम्बिया* #340

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*मूसा अलैहिस्सलाम ने रब के हुक्म से कहा* #01

     बनी इस्राइल पर मिस्र में बड़े मज़ालीम हो रहे थे उन्हें बेकार में पकड़ा जाता। बे ज़बान चौपायों की तरह उनसे दिन भर मशक़्क़त के काम लिये जाते और उनसे हर तरह का ज़िल्लत आमेज़ सलूक किया जाता अल्लाह तआला ने उनकी फरयाद सुनी और उनको गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने के लिये अपने दो बंदों को रवाना फ़रमाया। 

     लोग सूरज देवता को (बड़ा खुदा) यकीन करते थे और मिस्र के फ़राअना (तमाम फ़िरऔन) अपने आप को इस सूरज देवता का औतार कहते थे। इस तरह मिस्त्रियों से मज़हबी अक़ीदे का सहारा लेकर उन्होंने अपनी हुकूमत की बुनियादे मुस्तहकम कर रखी थीं। फ़िरऔन भी अपने आपको सूरज देवता का मज़हर समझता और अना रब्बुकुमुल आला होने की डींग मारता। 

     जब हजरत मूसा अलैहीस्सलाम व हजरत हारुन अलैहिस्सलाम ने फरमयाः ऐ फिरऔन हम दोनों तेरे रब की तरफ से रसुल बनाकर आये हैं तो वह चौंका और बड़बड़ाया, हैं... मेरा भी कोई रब हैं? सब मिस्रियों का रब हूँ मेरा कोई रब नहीं हो सकता। मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा तू गलत कह रहा है। उसने पूछा ज़रा उस रब की हकीकत बताओ जिसने तुम्हें रसूल बनाकर भेजा है आप अलैहिस्सलाम ने जवाब दिया एक फेकरा कहा और कोज़े में दरया बंद करके रख दिया फ़रमाया:


बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 287

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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