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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
*मूसा अलैहिस्सलाम ने रब के हुक्म से कहा* #02
मूसा अलैहिस्सलाम ने फरमाया: मेरा परवर्दिगार वह है जिसने कायनात की हर चीज को इस तरह पैदा किया है कि वह अपना वज़ीफ़ए हयात और मक़सदे तख़लीक़ बहुस्न व खुबी अदा कर सके, फिर उसे इतनी सूझ बूझ भी अता कर दी कि वह सही तौर पर उन कुव्वतों से काम ले सके, परिन्दों को पर बखशे और फिर उन्हें उड़ने का सलीका भी खुद ही सिखा दिया। मछली को ऐसा जिस्म दिया कि वह गहरे दरिराओं और तूफानी रामुद्रों में तैर सके और साथ उसने तैर का ढंग भी बताया, गोश्त खोर दरिन्दों के पंजे और दांत ऐसे बनाये कि वह अपना शिकार पकड़ सकें, ऊंट की कामत को बुलंद किया तो उसकी गर्दन भी लंबी बना दी ताकि वह ऊंचे दरख्तों के पत्ते भी खा सके और नीचे जमीन से गर्दन झुकाकर पानी पी सके। सहराओं में जहां पानी की सतह बहुत नीची होती है वहां जो दरख्त उगायें उनकी जड़ें इतनी लंनी बना दी कि यह जमीन की तह से अपनी खुराक हासिल कर सकें, हर खत्तए जमीन में पैदा होने वाले हैवानात को वहा के मखसूस मौसमी तकाज़ों के मुताबिक लिबास भी दिया और रिज़्क़ भी, फिर इस गुलशने हस्ती के गुले सर सब्ज़े हयात के सदर नशीन हज़रते इंसान की ज़ाहिरी साख्त और बातिनी सलाहियतो पर निगाह डालिये, आपको मूसा अलैहिस्सलाम के इरशादात की अज़मत का यकीन हो जायेगा।
अल्लामा जिमखशरी इसका मफ़हूम ब्यान करते हुए लिखते हैं: यानी हर चीज को ऐसी शक्ल व सूरत बख्शी जो इन फवाइद और मुनाफा के लिये मौजू व मुनासिब है जिनके लिये उसकी तखलिफ़ हुई और एक और वजाहत करते हुए लिखते हैं: यह भी सिखा दिया कि वह इन आज़ा और कुव्वतों से किस तर काम ले और इन फाइदों तक कैसे रसाई हासिल करे।
फिरऔन ने कहा जिस रब्बुल आलमीन का तुम अपने आपको रसूल कहते हो, वह क्या है ?
बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 288
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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