*फ़ज़ाइले रमज़ान शरीफ* #02
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*सोने के दरवाज़े वाला महल*
अबू सईद खुदरी رضي الله عنه से रिवायत है, हुज़ूर صلى الله عليه وسلم का फरमान है : जब माहे रमज़ान की पहली रात आती है तो आसमानों और जन्नत के दरवाज़े खोल दिये जाते है और आखिर रात तक बन्द नही होते। जो कोई बन्दा इस माहे मुबारक की किसी भी रत में नमाज़ पढ़ता है तो अल्लाह उस के हर सजदे के इवज़ उस के लिये 1500 नेकियां लिखता है और उसके लिये जन्नत में *सुर्ख याकूत का घर* बनाता है। जिस में 60,000 दरवाज़े होंगे। और हर दरवाज़े के पट सोने के बने होंगे जिन में याकुते सुर्ख जड़े होंगे।
पस जो कोई माहे रमज़ान का पहला रोज़ा रखता है तो अल्लाह महीने के आखिर दिन तक के गुनाह मुआफ़ फरमा देता है, और उस के लिये सुबह से शाम तक 70,000 फ़रिश्ते दुआए मगफिरत करते रहते है। रात और दिन में जब भी वो सजदा करता है उस के हर सजदे के इवज़ उसे जन्नत में एक एक दरख्त अता किया जाता है कि उस के साए में घोड़े सुवार 500 बरस तक चलता रहे।
*✍🏽शुएबुल ईमान, 3/314, हदिष:3635*
*✍🏽फैजाने रमज़ान शरीफ, 6*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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Tuesday 24 April 2018
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