Pages

Sunday 22 April 2018

*नमाज़ का तरीक़ा* #102
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*नमाज़ी के आगे से गुज़रने के अहकाम*​ #03
     अगर कोई इस क़दर उची जगह पर नमाज़ पढ़ रहा है कि गुज़रने वाले के आज़ा नमाज़ी के सामने नही हुए तो गुज़रने वाला गुनाहगार नही।
     दो शख्स नमाज़ी के आगे से गुज़रना चाहते है इसका तरीक़ा ये है कि इन में से एक नमाज़ी के सामने पीठ कर के खड़ा हो जाए। अब इसको आड़ बना कर दूसरा गुज़र जाए। फिर दूसरा पहले की पीठ के पीछे नमाज़ी की तरफ पीठ कर के खड़ा हो जाए। अब पहला गुज़र जाए फिर वो दूसरा जिधर से आया था उसी तरफ हट जाए।
     कोई नमाज़ी के आगे से गुज़रना चाहता है तो नमाज़ी को इजाज़त है कि वो उसे गुज़रने से रोके ख्वाह "सुब्हानअल्लाह" कहे या ज़हर (यानी बुलन्द आवाज़ से) किरआत करे या हाथ या सर या आँख के इशारे से मना करे। इससे ज़्यादा की इजाज़त नही। मसलन कपड़ा पकड़ कर झटकना या मारना बल्कि अगर अमले कसीर हो गया तो नमाज़ ही जाती रही।
     तस्बीह व इशारा दोनों को बिला ज़रूरत जमा करना मकरूह है।
औरत के सामने से गुज़रे तो औरत तस्फीक़ से मना करे यानी सीधे हाथ की उंगलिया उलटे हाथ की पुश्त पर मारे। अगर मर्द ने तस्फीक़ की और औरत ने तस्बीह कहि तो नमाज़ फासिद् न हुई मगर खिलाफे सुन्नत हुवा।

     तवाफ़ करने वाले को दौराने तवाफ़ नमाज़ी के आगे से गुज़रना जाइज़ है।
*✍🏼नमाज़ के अहकाम 217*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
📱+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment