*अल्लाह عزوجل और रसूलुल्लाह ﷺ की महब्बत* #30
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْم
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
फिर इसी तरह हज़रते उष्मान रदिअल्लाहो तआला अन्हो आए और हज़रते उमर रदिअल्लाहो अन्हो के पहलू में बैठ गए। इसके बाद रसूलुल्लाह ﷺ ने सात या नव के करीब संगरेज़े लिए। इन संगरेज़ो ने आप ﷺ के मबारक हाथों में तस्बीह पढ़ी, यहां तक कि आप ﷺ के हाथ में शहद की मख्खी के मानिन्द आवाज़ सुनाई दी। फिर आप ﷺ ने उन संगरेजों को ज़मीन पर रख दिया और वोह चुप हो गए।
फिर आप ﷺ ने वोह संगरेज़े मुझे छोड़ कर अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो को दिये। उन संगरेजों ने हज़रते अबू बक्र सिद्दिक रदिअल्लाहो तआला अन्हो के हाथ में तस्बीह पढ़ी। यहां तक कि मैं ने शहद की मख्खियों की तरह उनसे आवाज़ सुनी, फिर आप ﷺ ने वो ले कर ज़मीन पर रख दिये , वोह चुप हो गए और वैसे ही संगरेज़े बन गए। फिर आप ﷺ ने हज़रते उमर रदिअल्लाहो तआला अन्हो को दिये, उनके हाथ में भी तस्बीह पढ़ी जैसा कि अबू बक्र रदिअल्लाहो तआला अन्हो के हाथ में पढ़ी थी। फिर उनको ज़मीन पर रख दिया गया। वोह चुप हो गए।
फिर *रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया: येह नबुव्वत की खिलाफत की शहादत है।*
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼सहाबएकिराम का इश्के रसूलﷺ* पेज 94
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, गर होजाये यक़ीन के.. अल्लाह सबसे बड़ा है..अल्लाह देख रहा है..
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Wednesday 9 May 2018
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