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Friday 15 September 2017

*मुहर्रम कैसे मनाए* #02
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_नियाज़ और फातेहा_*
     हज़रत इमाम हुसैन और जो लोग उनके साथ शहीद हुए है उनके इसाले सवाब के लीये सदका, खैरात करे, गरीबो मिस्नकिनो , दोस्तों, पड़ोसीओ, रिस्तेदारो को शरबत या खिचड़ा या मलीदा वगैरा कोई भी जाइज़ खाने पिने वाली चीज़े खिलाना और पिलाना जाइज़ है और उसके साथ अगर क़ुरआन की आयते तिलावत करे तो और बेहतर है।

     इन सब बातो को नियाज़ हातेहा कहते है। ये सब बिना सूबा जाइज़ और मुस्त हसन है और बुजुर्गो की अकीदत पेश करने का अच्छा तरिका है।

     लेकिन इन सब बातो में कुछ चीज़ों का ध्यान रखना ज़रूरी है।

✔उन बातो का खुलासा अगली post में होगा।
ان شاء الله


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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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