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Tuesday 5 September 2017

*नमाज़ क़ज़ा करने का वबाल*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : जो कोई जान बुझ कर एक नमाज़ भी क़ज़ा कर देता है, उस का नाम जहन्नम के उस दरवाज़े पर लिख दिया जाएगा जिस से वो जहन्नम में दाखिल होगा।
*✍🏼حلية الأولياء*

     अल्लाह ने जहन्नमियो के बारे में इर्शाद फ़रमाया : _तुम्हें क्या बात दोज़ख में ले गई वो बोले हम नमाज़ न पढ़ते थे और मिसकीन को खाना न देते थे और बेहूदा फ़िक्र वालों के साथ बेहूदा फ़िक्रे करते थे।_
*✍🏼المدثر ٤٢ -٤٥*

*_कुछ दिन के लिये नमाज़ छोड़ सकते है ?_*
     हज़रते इब्ने अब्बास رضي الله عنه इर्शाद फ़रमाते है कि जब मेरी आँखों की सियाही बाक़ी रहने के बा वुजूद मेरी बिनाई जाती रहि तो मुझ से कहा गया : हम आप का इलाज करते है क्या आप कुछ दिन नमाज़ छोड़ सकते है ? तो में ने कहा : नहीं, क्यू कि हुज़ूर صلى الله عليه وسلم ने फ़रमाया : जिस ने नमाज़ छोड़ी तो वो अल्लाह से इस हाल में मिलेगा कि वो उस पर गज़ब फ़रमाएगा।
*✍🏼مجمع الزوائد*
*✍🏼40 फरमाने मुस्तफा, 81*

*मुक्कमल*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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