Pages

Saturday 16 September 2017

*मुहर्रम कैसे मनाये* #03
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     नियाज़ फातिहा कोई भी हलाल और जाइज़ खाने पिनेकी चीज़ों पे हो शकता है, इसके लिए शरबत, खिचड़ा, मलीदा यही होना ज़रूरी है ये समजना जहालत है।

     नियाज़ और फातेहा करने में बड़ाई नहीं करनी चाहिए, और खाने पिने की चीज़ों में एक दूसरो से मुकाबला नहीं करना चाहिए। बल्कि जो कुछ भी और जितना हो सब सिर्फ अल्लाह वालोंके ज़रिये अल्लाह की नज़दीकी और रिजा हासिल करने के लिए और अल्लाह के नेक बन्दों की मुहब्बत इसलिए करते है के उनसे मोहब्बत करना और उनके नाम पर खिलाना और उनकी रूहो को अछे कामो का सवाब पोहचाने से अल्लाह खुश् होता है, और अल्लाह को खुश करना ही हमारी ज़िन्दगी का मकसद है।

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
📱+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment