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Sunday 25 February 2018

वाक़िआते ताज़ीम* #26

**वाक़िआते ताज़ीम*  #26
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْم
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
     मुनाफ़ीकीने सियाह बातिन ने अवहामे फ़ासीदा फैलाए और आप रदिअल्लाहो तआला अन्हा की शान में बदगोई शुरूअ की, बाज़ मुसलमान भी उन के फ़रेब में आ गए और उन की ज़बान से भी कोई कलिमाए बे जा सरज़द हुवा। उम्मुल मोअमिनीन रदिअल्लाहो तआला अन्हा बीमार हो गई और एक माह तक बीमार रहीं, इस ज़माने में उन्हें इत्तिलाअ न हुई कि मुनाफिकीन उनकी निस्बत क्या बक रहे हैं।
      एक रोज़ उम्मे मस्तह से उन्हें यह खबर मालूम हुई, इस से आप रदिअल्लाहो तआला अन्हा का मरज़ बढ़ गया और इस सदमे में इस कदर रोईं कि आप रदिअल्लाहो तआला अन्हा के आंसू न थमते थे और न एक लम्हे के लिये नींद आती थी। इस हाल में सय्यिदे आलम ﷺ पर वही नाज़िल हुई और हज़रते उम्मुल मोअमिनीन रदिअल्लाहो तआला अन्हा की तहारत में आयते क़ुरआनी नाज़िल हुई जिन से आप का शरफ़ व मर्तबा बढाया गया और आप रदिअल्लाहो तआला अन्हा की तहारत व फ़ज़ीलत अज़ हद बयान हुई।  
    सय्यिदे आलम ﷺ ने बर सरे मिम्बर ब कसम फ़रमा दिया था कि मुझे अपने अहल की पाकी व खूबी बिल यकीन मालूम है, तो जिस शख्स ने उन के हक में बदगोई की है, उसकी तरफ से मेरे पास कौन माज़ेरत पेश कर सकता है।
      हज़रते उमर रदिअल्लाहो तआला अन्हो ने अर्ज़ किया: मुनाफ़ीकीन बिल यकीन ज़ुटे हैं, उम्मुल मोअमिनिन रदिअल्लाहो तआला अन्हा बिल यकीन पाक हैं, अल्लाह तआला ने सय्यिदे आलम ﷺ के जिस्मे पाक को मख्खी के बैठने से महफूज़ रखा कि वोह नजासतों पर बैठती है, कैसे हो सकता हैं कि वोह आप ﷺ को बद औरत की सोहबत से महफूज़ न रखे।
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼सहाबएकिराम का इश्के रसूलﷺ* पेज 51,52
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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     मुनाफ़ीकीने सियाह बातिन ने अवहामे फ़ासीदा फैलाए और आप रदिअल्लाहो तआला अन्हा की शान में बदगोई शुरूअ की, बाज़ मुसलमान भी उन के फ़रेब में आ गए और उन की ज़बान से भी कोई कलिमाए बे जा सरज़द हुवा। उम्मुल मोअमिनीन रदिअल्लाहो तआला अन्हा बीमार हो गई और एक माह तक बीमार रहीं, इस ज़माने में उन्हें इत्तिलाअ न हुई कि मुनाफिकीन उनकी निस्बत क्या बक रहे हैं।
      एक रोज़ उम्मे मस्तह से उन्हें यह खबर मालूम हुई, इस से आप रदिअल्लाहो तआला अन्हा का मरज़ बढ़ गया और इस सदमे में इस कदर रोईं कि आप रदिअल्लाहो तआला अन्हा के आंसू न थमते थे और न एक लम्हे के लिये नींद आती थी। इस हाल में सय्यिदे आलम ﷺ पर वही नाज़िल हुई और हज़रते उम्मुल मोअमिनीन रदिअल्लाहो तआला अन्हा की तहारत में आयते क़ुरआनी नाज़िल हुई जिन से आप का शरफ़ व मर्तबा बढाया गया और आप रदिअल्लाहो तआला अन्हा की तहारत व फ़ज़ीलत अज़ हद बयान हुई।  
    सय्यिदे आलम ﷺ ने बर सरे मिम्बर ब कसम फ़रमा दिया था कि मुझे अपने अहल की पाकी व खूबी बिल यकीन मालूम है, तो जिस शख्स ने उन के हक में बदगोई की है, उसकी तरफ से मेरे पास कौन माज़ेरत पेश कर सकता है।
      हज़रते उमर रदिअल्लाहो तआला अन्हो ने अर्ज़ किया: मुनाफ़ीकीन बिल यकीन ज़ुटे हैं, उम्मुल मोअमिनिन रदिअल्लाहो तआला अन्हा बिल यकीन पाक हैं, अल्लाह तआला ने सय्यिदे आलम ﷺ के जिस्मे पाक को मख्खी के बैठने से महफूज़ रखा कि वोह नजासतों पर बैठती है, कैसे हो सकता हैं कि वोह आप ﷺ को बद औरत की सोहबत से महफूज़ न रखे।
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*✍🏼सहाबएकिराम का इश्के रसूलﷺ* पेज 51,52
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