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Tuesday, 20 February 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #59

*तज़किरतुल अम्बिया* #59
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*हज़रत आदम स्फीउल्लाह عليه السلام* 
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*क़त्ल के बाद क़ाबील की परेशानी*
     क़ाबील ने जब हाबील को क़त्ल कर दिया तो अब यह नहीं जनता था कि क्या करे? इसी तरह छोड़ देने पर उसे यह खतरा था कि दरिन्दे खा जायेंगे तो वह अपने भाई की लाश को बोरी में डालकर फिरता रहा यहां तक कि लाश बदबूदार हो गयी उसे छुपाने का कोई तरीक़ा मालुम नहीं हो रहा था कि में क्या करूँ? बहुत ही परेशान था।
     ख्याल रहे क़ुरआन में इस मक़ाम पर लाश के लिये लफ्ज़ "सवात" इस्तेमाल हुआ जिसका असली मायने नंगेज़ है यानी जिस्म का वह हिस्सा जो ज़ाहिर न किया जाये क्योंकि वह भी क़त्ल के बाद लाश छुपाये फिरता था इसलिये उसे सवात कहा गया है।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 61
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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