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Sunday 15 April 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #114
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*इब्राहिम عليه السلام का नमरूद से मुनाज़रा* #04

*इब्राहिम عليه السلام की रब के मुतअल्लिक़ दलील*
     जब की इब्राहिम ने कहा कि मेरा रब वह है कि ज़िन्दा करता है और मारता है।
     यानी अजसाम में मौत व हयात को पैदा करता है एक खुदा को न पहचानने वाले के लिये यह बेहतरीन हिदायत थी और उसमे बताया गया कि खुद तेरी ज़िन्दगी रबके वजूद की शहादत दे रही है कि तू बेजान नुत्फा था जिसने इस नुत्फा को इन्सानी सूरत दी और हयात अता फ़रमाई वह रब है और ज़िन्दगी के बाद फिर अजसाम को जो मौत देता है वह भी रब है उसकी कुदरत की शहादत खुद तेरी अपनी मौत व हयात में मौजूद है उसके वजूद से बेखबर रहना कमाले जेहालत व सफाहत और इंतेहाई बद नसीबी है।
     यह दलील ऐसी ज़बरदस्त थी कि इसका जवाब नमरूद से न बन पड़ा और इस ख्याल से कि मजमा के सामने उसको ला जवाब और शर्मिंदा होना पड़ रहा है तो उसने टेढ़ी बहस इख्तेयार की, बोला में ज़िन्दा करता और मारता हूँ।
     नमरूद ने दो शख्सों को बुलाया उनमे से एक को क़त्ल किया और एक को छोड़ दिया और कहने लगा कि में भी ज़िन्दा करता हूँ और मारता हूँ, यानी किसीको गिरफ्तार करके छोड़ देता हूँ इसे ज़िन्दा करता हूँ और किसीको क़त्ल करके मार देता हूँ।
     यह उसकी निहायत अहमक़ाना बात थी, कहाँ क़त्ल करना और छोड़ना? और कहाँ मौत व हयात पैदा करना? क़त्ल किये हुए शख्स को ज़िन्दा करने से आजिज़ रहना और बजाए उसके ज़िन्दा के छोड़ने को यह कहना कि में ज़िन्दा करता हूँ उसकी ज़िल्लत के लिये काफी था। अक्लमंदों पर तो ज़ाहिर हो गया था कि इब्राहिम عليه السلام की दलील क़वी और क़तई है। इसका जवाब मुमकिन नहीं।
     नमरूद ने जो दलील क़ायम की थी उसमें दावा भी पाया गया था तो इब्राहिम عليه السلام ने उस पर मुनाज़राना गिरफ्त फ़रमाई कि आर झुटे मुद्दईए अलुहियत मौत व हयात पैदा करना तेरी कुदरत में कहाँ बल्कि इसका तसव्वुर भी नहीं कर सकता इससे आसान काम करके दिखा, अल्लाह सूरज को मशरिक़ से लाता है तू इसको मगरिब से ले आ, तो होश उड़ गये काफ़िर के। वह अल्लाह राह नहीं दिखता ज़ालिमों को।
     जब उससे कोई जवाब न बन सका तो कहने लगा मेरे पास तुम्हारे लिये कोई गल्ला नहीं तुम औने रब से मांगो वही तुम्हे गल्ला दे।

     *रेत गल्ला बन गई* ये वाक़ीआ बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 94
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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