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Tuesday 26 June 2018

*अमीरे मुआविया का इश्के रसूल* #06


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*फ़ज़ाइले इमामे हसन ब ज़बाने अमीरे मुआविया*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
     हज़रते अमीरे मुआविया رضي الله عنه ने आने हम नशीनों से फ़रमाया: आबाओ अजदाद, चचा, फूफी ओर मामू व खालू के एतिबार से लोगों में सब से ज़्यादा मुअज़्ज़ज़ कौन है? सब ने अर्ज़ की: अमीरुल मुअमिनीन ज़्यादा जानते है। आप ने इमामे हसन رضي الله عنه का दस्ते मुबारक थामा ओर इरशाद फ़रमाया: ये है, क्योंकि इन के वालिद अली बिन अबी तालिब, वालिदा फातिमा, इन के नाना अल्लाह के रसूल, खदीजा इनकी नानी जान, जाफर इनके चचा, हाला बिन्ते अबी तालिब इनकी फूफी ओर हुज़ूर ﷺ की औलाद इनके मामू ओर खालाए है।
     एक ओर मक़ाम पर अमीरे मुआविया رضي الله عنه फरमाते है: मेने हुज़ूर ﷺ को देखा आप इमाम हसन की ज़बान या होंठ मुबारक का बोसा ले रहे थे। बेशक जिस ज़बान या होंटो को हुज़ूर ﷺ ने चूमा उसे हरगिज़ अज़ाब नहीं दिया जाएगा।
*✍फ़ैज़ाने अमीरे मुआविया* 86
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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